You need to sign in or sign up before continuing.
Take a photo of a barcode or cover

376 pages • first pub 2018 (view editions)
ISBN/UID: B07MXX181M
Format: Digital
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Edition Pub Date: Not specified
Description
अस्सी की होने चली दादी ने विधवा होकर परिवार से पीठ कर खटिया पकड़ ली। परिवार उसे वापस अपने बीच खींचने में लगा। प्रेम, वैर, आपसी नोकझोंक में खदबदाता संयुक्त परिवार। दादी बजि़द कि अब नहीं उठूँगी। फिर इन्हीं शब्दों की ध्वनि बदलकर हो जाती है अब तो नई ह...
Community Reviews
Content Warnings

376 pages • first pub 2018 (view editions)
ISBN/UID: B07MXX181M
Format: Digital
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Edition Pub Date: Not specified
Description
अस्सी की होने चली दादी ने विधवा होकर परिवार से पीठ कर खटिया पकड़ ली। परिवार उसे वापस अपने बीच खींचने में लगा। प्रेम, वैर, आपसी नोकझोंक में खदबदाता संयुक्त परिवार। दादी बजि़द कि अब नहीं उठूँगी। फिर इन्हीं शब्दों की ध्वनि बदलकर हो जाती है अब तो नई ह...